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जीवन परिचय -अटल बिहारी वाजपेई

जीवन परिचय अटल बिहारी वाजपेई :अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 ग्वालियर मध्य प्रदेश भारत में हुआ था एवीएन इनकी मृत्यु 16 अगस्त 2018 नई दिल्ली भारत में इनका जन्म एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इनके पिता जी कृष्ण बिहारी वाजपेई जी अध्यापक थे और अध्यापक होने के साथ-साथअध्यापक होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध क हैं अटल बिहारी वाजपेई को कवित्व का गुण इनके पिता से विरासत में मिला था और इन्होने कॉलेज से कानपुर के कॉलेज से रत्न शास्त्र में किया राजनीति शास्त्र में किया और उसके बुरे उन्हें एलएलबी की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और पूरी लगन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और एक सच्चे बन गए अटल बिहारी वाजपेई श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार लोकमान्य तिलक पुरस्कार आदि पुरस्कार मिले 2015 में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था अटल बिहारी वाजपेई जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रह रहे हैं और इस गौरवशाली व्यक्तित्व का निदान 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के ईएमएस में हो

अटल बिहारी वाजपेई जी का शुरुआती जीवन :

कानपूर में राजनीती शास्त्री की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास करने के बाद, ललब कानून की शिक्षा को ादुरा छोड़ केर कर शंग शंघ से जुड़ गए । जहां डॉ श्यामा प्रसाद जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दिशा निर्देश में राजनीती का पथ पथ पाठ पढ़ा ।

वाजपेयी सरकार के अन्य प्रमुख कार्य:एक सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया। संरचनात्मक ढाँचे के लिये कार्यदल, सॉफ्टवेयर विकास के लिये सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल, विद्युतीकरण में गति लाने के लिये केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग आदि का गठन किया।राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास; नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत करके बुनियादी संरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये।राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित कीं।आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों के मूल्योंं को नियन्त्रित करने के लिये मुख्यमन्त्रियों का सम्मेलन बुलाया।उड़ीसा के सर्वाधिक निर्धन क्षेत्र के लिये सात सूत्रीय निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया।आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया।ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिये बीमा योजना शुरू की।ये सारे तथ्य सरकारी विज्ञप्तियों के माध्यम से समय समय पर प्रकाशित होते रहे हैं। की

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