Plastic Pollution: Need Plastic-Free Tomorrow, प्लास्टिक प्रदत बीमारियां

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Plastic Pollution:-

प्लास्टिक प्रदुषण : पर्यावरण में “plastic” सिंथेटिक माइक्रो कणो की उपस्थिति हद से ज़्यदा होने के कारण ये मानव जीवन के साथ साथ ये जिव जंतु , वन्य जीवन और हमारी धरती को कहरनाक तरिके से प्रभावित कर रही है। १९०७ में बेकेलाइट के अविष्कार ने प्लास्टिक निर्मित सामग्रियों के निर्माण में क्रांति ला दी थी,

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परन्तु २० वि शताब्दी में माउन्ट एवरेस्ट से लेकर पशु एवं पक्षीओ में मिले प्लास्टिक के माइक्रो प्रदुषण ने सभी को स्तब्ध करदिया था। सैकड़ो वर्षो से प्लास्टिक हमारे पर्यावरण में जमा होकर अब एक खतरनाक स्टार पैर आ गया है।प्लास्टिक एक बड़े अणुओ की शृंखला वाली संगरचना है जो लम्बी लम्बी श्रृंखलों जैसी लगती होती है। औसत उपभोक्ता प्रति दिन विभिन प्रकार से प्लास्टिक के संपर्क में आता है, और संक्रमित ओह होता रहता है।

रबर और रेशम जैसे प्राकृतिक पॉलिमर भी वातावरण प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं, लेकिन प्रकृति के प्लास्टिक को पर्यावरण प्रदूषण में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि वे पर्यावरण में बने नहीं रहते हैं।
एक शोधके अनुसार हमरी प्लास्टिकपानी की बोतल में ढाई लाख प्लास्टिक माइक्रो पार्टिकल्स है। इसलिए ही तो विशेषज्ञे प्लास्टिक बोतल को दुबारा काम में न लेने की सलाह देते है।

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Plastic pollution and diseases

Plastic pollution से इन गंभीर बीमारियों के होने का खतरा हमेशा ही बना रहता है। जैसे , ल्युकेमिआ ,लिम्फोमा , मस्तिष्क कैंसर , छाती का कैंसर, प्रजनन क्षमता में कमी, फेफड़ो में सूजन आना ,प्लास्टिकमें उपस्तिथ जहरीले पदर्थ मस्तिष्क में पहुँच कर मस्तिस्क को डैमेज करते है, इत्यादि।
भारत समेत सम्पूर्ण विश्व में प्रति बर्ष लाखो मेट्रिक टन प्लास्टिक का निर्माण , उपयोग एवं विसर्जन किया जाता है , मगर इसके विसर्जन की सुनियोजित वयस्था न होने के कारण ऐसी पानी, या खली पड़े मैदानों में डंप कर दिया जाता है।

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परिणाम स्वरुप ये पानी में विषैले उप अवयवों का उत्सर्जन कर पानी को विषाक्त बनता है। भोजन की तलाश में जल जन्तुओ के द्वारा इसे खाने पर उनका जीवन समाप्त हो जाता है।

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Plastic Pollution:रोकथाम में सहयोग कैसे करे :

१.रसोई के सभी “plasticके डिब्बों को कांच के जार या स्टील के बर्तनो में तब्दील करे

२. कचरे को किसी गत्ते के बॉक्स में इकट्ठा करे , “plastic बैगस का इस्तेमाल न करे


३. सामान्य जीवन में“plastic निर्मित सामान का उपयोग काम करे


४. बाजार में खरीददारी के लिए कपड़े का बैग इस्तेमाल करे

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